भारत में, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं लोगों के साथ किस प्रकार की धोखाधड़ी कर रही हैं, यह खुलकर सामने आ चुका है। जब हमने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कुछ सवाल किए, तो उनके जवाब से हमें पता चला कि देश के कई लोग धोखे का शिकार हो रहे हैं।
कर्ज माफी और सेटलमेंट के नाम पर लोगों की जमीनें छीन ली जाती हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम कर्ज माफी नहीं, बल्कि कर्ज अदायगी करवाएंगे। लोग अपना कर्ज चुकाकर अपनी संपत्तियों को बचा सकेंगे।
क्या है असली सच्चाई?
जब हमने RBI से ₹100 नोट के बारे में पूछा, तो हमें बताया गया कि यह सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा है। सरकार द्वारा जारी नोट असल में केवल एक वादा है कि वह आपको इसके बदले ₹100 की कीमत का मूल्य देगा। लेकिन असली सवाल यह है कि इस ₹100 की असली कीमत क्या है?
RBI ने जवाब दिया कि 1 रुपया मतलब 777 मिलीग्राम सोना। यानी, यह ₹100 भी केवल सोने के आधार पर ही मूल्यवान होता है। हमने पाया कि आजकल का रुपया असली मूल्य से बहुत दूर हो चुका है, और यह जानकारी देश के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है।
क्यों होता है लोन निपटान?
कई लोग सोचते हैं कि सेटलमेंट करके वे अपने कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। बैंक आपकी जमीनों को कब्जे में ले लेता है। यह एक बहुत बड़ा खेल है, जिसमें आम जनता को फंसाया जा रहा है।
सेटलमेंट की जगह कर्ज को चुकाना बेहतर है। अगर आपने कर्ज लिया है और उसका नोटिस आ गया है, तो हमारे साथ संपर्क में आएं। हमारे पास ऐसे डॉक्यूमेंट और जानकारी हैं, जो आपको कर्ज चुकाने में मदद करेंगे और आपकी जमीन को बचाने का रास्ता दिखाएंगे।
कैसे बचें बैंक फ्रॉड से?
अगर आपको बैंक का नोटिस मिल चुका है और आपके ऊपर कर्ज का बोझ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमने इसके लिए एक सपोर्ट सिस्टम तैयार किया है।
- लोन अकाउंट की स्टेटमेंट PDF में बनाकर भेजें।
- बैंक का नोटिस भेजें।
हमारी टीम आपके दस्तावेजों को देखकर आपको सही रास्ता दिखाएगी। नीलामी से पहले हम आपकी मदद करेंगे, ताकि आपकी संपत्ति सुरक्षित रहे और बैंक कोई नाजायज कार्यवाही न कर सके।
मुख्य बातें:
- कर्ज माफी से ज़्यादा महत्वपूर्ण है कर्ज चुकता करना।
- असली रुपया मतलब सोने की कीमत।
- बैंक और सरकार के बीच की धोखाधड़ी को समझें।
- समय पर कर्ज निपटान करें, सेटलमेंट में न फंसें।
फ्रॉड से बचें, जानकारी पाएं, और अपनी संपत्ति सुरक्षित रखें।
More details
कर्ज माफी और चुकता योजना
समझिए कि हम किसी का कर्ज माफ नहीं करवाने जा रहे, बल्कि हम कर्ज अदायगी पर ध्यान देंगे। हम कर्ज को चुकता करेंगे और लोन सेटलमेंट नहीं करेंगे। इस प्रक्रिया में हम अपनी जमीन छुड़वायेंगे, क्योंकि सेटलमेंट में धोखा होता है।
बैंकों द्वारा समाज से धोखाधड़ी
बैंक और आरबीआई के साथ समाज के साथ हुए धोखे की सच्चाई सामने आ चुकी है। हमने जब आरबीआई से सवाल पूछे, तो जवाब में ऐसा तथ्य सामने आया जिससे पैरों तले जमीन खिसक गई। हमने पूछा कि ₹100 का नोट असल में क्या होता है, तो पता चला कि यह एक वादा है कि सरकार उस मूल्य के बराबर का भुगतान करेगी।
रुपए की असली कीमत और सोना
आरबीआई के जवाब से हमें पता चला कि 1 रुपया = 777 मिलीग्राम सोना होता है। यह तथ्य समाज में फैलाना आवश्यक है ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके। हमने जब इस सच्चाई का अध्ययन किया तो सामने आया कि रुपये की असली कीमत और सोने की वास्तविकता को समझकर ही हम सही मूल्यांकन कर सकते हैं।
पुराने और नए नोटों का फर्क
1942 और 1891 के पुराने नोटों की तुलना में आज के नोटों का कोई मूल्य नहीं है। हमने न्यायालय में सवाल उठाए कि असली रुपया कौन सा है, क्योंकि वर्तमान के नोटों से तो चाय भी नहीं मिलती जबकि पुराने नोटों से एक क्विंटल तुडी से ज्यादा मिल सकता है।
बैंकों की धोखाधड़ी
बैंकों ने लोगों से लोन की अदायगी में धोखाधड़ी की है। बैंकों के पास लोगों का सोना और जमीन ले जाने का खेल चल रहा है, जबकि बड़े अमीर लोग ऐशो-आराम में भाग रहे हैं। देश की जनता से रुपया बाहर भेजा जा रहा है और आरबीआई जैसी संस्थाएं इसमें शामिल हैं।
जमीन कब्जाने का खेल
अब इसराइलियों की योजनाओं के तहत देश के लोगों की जमीनों को कब्जाने की साजिश हो रही है। कानून बदले जा रहे हैं ताकि लोग अपनी जमीन खो बैठें और उन्हें कोई मदद न मिल सके।
COMMENTS