सोचो, एक बड़ा स्कूल है।
इस स्कूल में टीचर, स्टूडेंट, प्रिंसिपल और मालिक (Owner) भी है। अब देखते हैं कि इसमें कौन क्या काम करता है?
1️⃣ स्कूल में कौन-कौन काम करता है?
✔ टीचर – स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं और पढ़ाई का जिम्मा संभालते हैं।
✔ प्रिंसिपल – स्कूल के सारे काम देखते हैं, डिसिप्लिन बनाए रखते हैं।
✔ मालिक (Owner) – स्कूल का असली मालिक, जिसने स्कूल खोला और पैसा लगाया।
2️⃣ स्कूल के टीचर्स क्या सोचते हैं?
टीचर्स को लगता है कि प्रिंसिपल ही मालिक है, क्योंकि वही उनके काम का फैसला करता है, छुट्टियां तय करता है और उन्हें गाइड करता है।
लेकिन असल में मालिक प्रिंसिपल नहीं, बल्कि वह इंसान है जिसने स्कूल खोला और पैसा लगाया।
3️⃣ अब इसे किसी कंपनी से जोड़ें
स्कूल का उदाहरण | कंपनी का उदाहरण |
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प्रिंसिपल – स्कूल के सभी काम संभालता है। | CEO (Chief Executive Officer) – कंपनी के सभी काम संभालता है। |
स्कूल का मालिक – जिसने स्कूल बनाया और पैसा लगाया। | शेयरहोल्डर (Investor) – जिसने कंपनी में पैसा लगाया और असली मालिक है। |
टीचर – जो स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। | Employees (कर्मचारी) – जो कंपनी में काम करते हैं। |
4️⃣ असली मालिक कौन होता है?
🔹 जैसे स्कूल का मालिक रोज़ स्कूल नहीं आता, वैसे ही कई शेयरहोल्डर रोज़ कंपनी में नहीं आते।
🔹 लेकिन स्कूल और कंपनी उनके पैसे से ही चलती है।
🔹 इसलिए, लोग CEO को मालिक समझते हैं, क्योंकि वह दिखता है और फैसले लेता है, लेकिन असली मालिक शेयरहोल्डर होते हैं।
👉 निष्कर्ष: बॉस और मालिक में फर्क होता है!
"CEO कंपनी चलाता है, लेकिन असल मालिक शेयरहोल्डर होते हैं, क्योंकि उन्होंने कंपनी में निवेश किया होता है!"
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