जब वर्षा एक सिमा से अधिक होती है तो नदिया , नाले , तालाब का जल सत्र काफी ऊचा हो जाता है व यह किनारों को पार करके सड़को , घरों व शहरों में भर जाता है जिस से जान व मॉल का नुकसान होता है , ऐसी को बाढ़ कहते है |
आज मानव प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ कर रहा है जिस से पर्यावरण असन्तुल हो रहा है जिस से बाड़ें आ रही है इस साल २०२३ में पंजाब , हरयाणा व हिमाचल प्रदेश में बाढ़ आयी है क्योकि इन प्रदेशों में भारी संख्या में वृक्ष काट कर मकान बना लिए जिस से बाद का पानी चूसने वाले वृक्ष रहे ही नहीं व दूसरा कच्ची जमीन दिन प्रति दिन कम हो रही है जिस से बाढ़ बहुत खतरनाक हो गयी है |
यदि बाढ़ मुक्त भारत बनाना है तो वृक्ष लगाने चाहिए व प्रकर्ति के साथ संतुलन बनाना चाहिए |
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