होली एक भारत का सिर्फ त्यौहार ही नहीं भारत की संस्कृति का प्रतीक भी है | यह त्यौहार प्यार का सन्देश देता है क्योकि भारत की संस्कृति अहिंसा व प्रेम में विश्वास रखती है व इस त्यौहार द्वारा यह पगट किया जाता है | प्राचीन काल में भारत में जब घर या समाज में किसी का किसी के साथ कोई झगड़ा हो जाता था तो दोनों को इस त्यौहार के माद्यम से जोड़ा जाता था | दोनों पुरानी दुश्मनी भूल कर इस त्यौहार में एक दूसरे के गले मिलते थे व गुलाब के फूलों को तोड़ कर एक दूसरे के माथे पर लगाया जाता था | एक तो गुलाब के फूल ठन्डे होते है व अभी गर्मी होने से दिमाग को ठंडक मिलती थी | आज भी ऐसा होना चाहिए | रंग व गुलाल व पेंट वाले रंग नहीं खरीदने चाहिए, यह चमड़ी रोग पैदा करते है | दूसरा यह त्यौहार बसंत में आता है | इस लिए हर किसी को उदासी छोड़ देनी चाहिए व कर्म की रहा पर आगे बढ़ना चाहिए | आप सब विद्यार्थियों को संकल्प करना चाहिए, इस दिन से हम सबसे प्रेम करेंगे व नई ऊर्जा के साथ ज्ञान प्राप्त करने में लग जायेगे | किसी को भी नफरत व गाली गलोच नहीं करेंगे |
आज बाजार में बहुत केमिकल वाले रंग आ गए है व पानी में डाल कर इसे दूसरों पर फेंका जाता है | इसकी बजाये साधारण नलके का पानी आप दूसरों पर डाल कर होली के त्यौहार को खेल के रूप में खेल सकते हो |
व दोपहर में आप अपने घर में बेसन, देसी घी, गाय के दूध का हलवा मिठाई बना कर सब को खिला सकते हो |
इस दिन एक नहीं ऊर्जा का संचार होता है क्योकि वृक्षों में नए पते आ जाते है | गुलाब के फूलों की तो बहार ही आ जाती है गेहूं की फसल भी पकने लगती है |
होली के त्यौहार का भारतीय प्राचीन इतिहास
प्रह्लाद एक भगवान का भगत था | उसके पिता ने कहा के तुम भगवान की भगति मत करो , तुम मेरी भगति करो | मैंने तुम्हे पैदा किया है | प्रह्लाद ने कहा आप मेरे पिता हो आप मेरे पूज्य हो पर भगवान आप से बड़ा है क्योंकि आप तो सिर्फ माद्यम हो मेरी हर चीज उस परमात्मा ने बनाई है असली पिता तो भगवान है
आप किसी एक आंख नहीं बना सकते |
इस पर उसका पिता क्रोधित हो गया व उसने उसे मरने के लिए होलिका को बुलाया उसने उसे आग में डालने का षड्यंत्र किया पर प्रह्लाद परमात्मा के आशीर्वाद से बच निकले व होलिका खुद आग में जल गयी
उस दिन से होलिका जो पापी थी उसकी होली जलाई जाती है व इस जित के बाद जल से नहाया जाता है यही से यह त्यौहार बना |
आधुनिक काल में सेहत के लिए हानिकर होली
आज हानिकर रंग होली में लगाए जा रहे है जिन में केमिकल होता हो यदि सेहतमंद होली मनानी है तो ऐसे रंगो को न लगाया जाये व सर जल व गुलाब के फूलों का ही उपयोग किया जाये |
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