जब को कंपनी सामान को बेचने व लाभ कमाने के लिए सामान को आप बनाती है तो इसके कुछ खर्चे आते है जिसका कंपनी को भुगतान करना पड़ता है | यह खर्चे उत्पादन के साधनों का इस्माल करने के लिए दिए इस लिए इसे उत्पादन की लागत कहा जाता है | उत्पादन की लगत उत्पादन की मात्रा से बहुत प्रभावित होता है | जैसे जैसे उत्पादन की मात्रा बड़ाई जाती है वैसे वैसे उत्पादन की लागत बढ़ती जाती है |
उत्पादन की लगत = फंक्शन ( उत्पादन )
उत्पादन की लागत की किस्में
१. मौद्रिक लागत
जब उत्पादन करने के लिए नकद खर्चा किया जाता है तो यह मौद्रिक लगत है | मान लीजिये एक गाय से १५० किलोग्राम दूध का उत्पादन करने के लिए हर महीने उसके खाने का खर्चा रस. ५००० बैठता है तो यह दूध उत्पादन की मौद्रिक लागत होगी |
इसमें
कच्चे मॉल गई लागत
बिजली का खर्चा
मजदूरी शामिल हो सकते है
२. स्पष्ट लागतें
एक कोम्पनी द्वारा दूसरों को किया भुगतान स्पष्ट लागतें कहलाती है | यह मौद्रिक लागतें या उधार का खर्चा शामिल हो सकती है इस के इलावा मशीन की लागत भी सपष्ट लागत होती है |
३. निहित लागत
निहित लागत में मालक के खुद के साधनों की लागत होती है जो किसी को भुगतान नहीं करनी होती | जैसे मालक ने अपनी पूंजी लगाई तो इसके ऊपर ब्याज नहीं देना तो यह बनता ब्याज निहित लागत होगी |
४. अवसर लागत
जब किसी एक वास्तु का उत्पादन करने के लिए दूसरी वास्तु उत्पादन का तयाग किया जाता है तो इस त्यागी वास्तु की मात्रा की लगत उत्पादित वास्तु की अवसर लागत होगी
मान लीजिए आप के पास एक खेत है उसपर या तो आप गेहू बीज सकते हो या सब्जियां | आप ने गेहूं बीजा व सब्जियों का तयाग किया | इन सब्जियों की मात्रा जो गेहूं के कारन नहीं उत्पादित हुई इन की लागत गेहूं की अवसर लागत है
मान लीजिये सब्जी १० किलों होती व रुपये . २०० / किलोग्राम बिकती व टोटल बिक्री होती २००० रुपये | तो यह २००० रुपये गेहूं की उत्पादन लागत है |
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