दिवाली श्री राम चंद्र, उनकी पत्नी सीता जी व उनके भाई लक्ष्मण जी के १४ वर्ष के बनवास को पूरा करने के बाद अपने राज्य अयोध्या में वापिस आने की ख़ुशी में हर साल मनाया जाता है |
पिता के वचन को पूरा करने के लिए श्री राम चंद्र जी १४ वर्ष के लिए बनवास गए थे | व उनकी पत्नी व उनके छोटे भाई भी श्री राम जी की सेवा के लिए कष्ट सहन किये थे | इस लिए यह त्यहार सत्य , बलिदान, त्याग, व प्रेम व सेवाकी महान मिसाल को याद करने के लिए भी मनाया जाता है | इस दिन दोस्तों व रिश्तेदारों को उपहार दिए जाते है |
यह विजयदशमी के २० दिन बाद मनाया जाता है विजयदशमी के दिन श्री राम जी ने रावण का वध करके धर्म की स्थापना की थी | यह त्यहार धन , खुशीआं व समृद्धि के लिए भी मनाया जाता है | धन की देवी माता लक्ष्मी भी कहा जाता है , व इस दिन उसकी पूजा भी की जाती है |
इस दिन श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी की भी जहांगीर की जेल से रिहाई ग्वालियर के किले में से हुयी थी | इस लिए इस दिवस को बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है |
दिवाली के दिन स्वामी दयानन्द जी पंचतत्व में वालीन हो गए थे , इस दिन इस दिवस को स्वामी दयानन्द निर्वाण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है |
इस दिन रात को तेल के दीपक व मोमबत्तियों से घर को रोशन किया जाता है | व मिष्ठान खाये जाते है व सुंदर वस्त्र धारण किये जाते है | व घर व दफ्तर की साफसफाई भी की जाती है |
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