परमपिता परमात्मा ने जलवायु के अनुसार ही अलग अलग स्थानों पर जिव जंतु पैदा किये है | आएं जाने उसकी प्रकृति में जिव जंतु कैसे अपना अनुकलन करते है |
१. बहुत डंडे इलाकों में जंतुओं की त्वचा में बहुत बड़े बड़े बाल होते हिअ जो उन्हें ठण्ड से बचाते है |
२. जो पक्षी जलवायु सहन नहीं कर सकते किसी स्थान की तो वह अपने मजबूत पंखों की सहयता से से वहा से उड़ कर उस जलवायु पर जाते है जो उनके लिए अनुकूल हो | वो 15000 किलोमीटर से भी ज्यादा दुरी तय करते है व भारत के गर्म प्रदेशों में सर्दी मौसम में आते है |
३. बर्फों में रहने वाले जानवरों का रंग भी बर्फ जैसा होता है जो एक तरफ दुश्मन से बचाव करता है व दूसरी तरफ उनको शिकार को पकड़ने में आसानी होती है | जैसे सफ़ेद भालू , सफ़ेद चिता
४. जहा की जलवायु का तापमान साधारण होता है व घास उग जाती है व वहा पशु उन्हें पालतू बना कर उनका दूध पि कर मानव स्वास्थ्य रहता है व अपने आप को अनुकूल बना लेता है |
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