कोई भी कमजोर व्यक्ति किसी बहादुर व्यक्ति से नहीं लड़ सकता | भारत की करेंसी को कमजोर बनाया गया व यह आज इतना कमजोर हो गयी है के इसका मूल्य अंतराष्ट्रीय बाजार में दिन प्रति दिन कम ही हो रहा है | आज के दिन २६ मार्च २०२२ को १ डॉलर का मूल्य रूपये .76. 28 के बराबर है | १ पौंड का मूल्य 100 रूपये के लगभग बराबर | यानि जिस अंग्रेज ने हमे 200 साल पहले गुलाम किया अगर आज भारत में आता है तो सिर्फ १ पौंड लाने से यहां की 100 रूपये की सम्पति का मालिक हो सकता है जब के यही १ पौंड साल १९४७ १३ रूपये के बराबर था
पहली कमजोरी : भारतीय करेंसी नोटों पर लिखना " मैं धारक को ( १०, १००, ५००, २००० या जिस करेंसी का नोट है ) रूपये अदा करने का वचन देता हूँ
१९४७ से अब २०२२ तक यही वाकये ही हमारी करेंसी को कमजोर बना रहे है | हम जानते है 1935 में Reserve Bank of India Act, 1934 के द्वारा बना | यह गोरे अंग्रेजों द्वारा बनाया सबसे गन्दा कानून था | जो कि 1947 में ख़तम हो जाना चाहिए था | पर इसे वैसे के वैसे ही रखा गया | व एक के नोट के इलावा सब पर लिखा गया मैं धारक को ( १०, १००, ५००, २००० या जिस करेंसी का नोट है ) रूपये अदा करने का वचन देता हूँ और निचे rbi के governor के sign किये गए
अब इसका मतलब समझे
मान लीजिये मेरे पास १०० रूपये का सोना है व और यह मेरे पास 1947 में है मैंने यह जानते हुए कि हमेशा के लिए १०० रूपये का सोना 1947 से २०२२ तक 100 रुपये ही रहेगा मैंने इस सोने को १०० रुपये में बेच दिया व rbi का गवर्नर मुझे केहा रहा है के आप ने सोना बेच दिया है व मैं तुझे कागज के १०० रूपये दिए थे उसमें १०० रूपये लिखे है तो मैं सिर्फ सिर्फ यही कागज का नोट दे सकता हु पर इसका मुल्य नहीं यह है अंग्रेजों का सबसे बड़ा धोखा
मतलब
1947 में सोना 10 ग्राम था 100 रूपये का
आज २०२२ में सोने के 10 ग्राम का मूल्य रस. 54000
मैंने तो अंग्रेजो के द्वारा बनाये काले कानून वाले गवर्नर पर विश्वास किया व अपना १० ग्राम सोना Rs. १०० में 1947 में बेच दिया पर आज व्ही सोना मुझे Rs. 100 में वापिस नहीं मिल रहा
हुआ न यह धोखा, यह तो सिर्फ एक सम्पति है जो सस्ते दामों में भारत के बाहर गयी 1947 से 2022 तक ऐसी हजारों सम्पतिया है जो हमने इस नकली वचन के दम पर अमरीका व इंग्लैंड को बेच दी | व आज हमारी इस करेंसी की कमजोरी ने हमे गरीब बना दिया व हमारी अर्थवयवस्था को कमजोर कर दिया है | इस बैंकिंग सिस्टम के कारन गरीब और गरीब होता जा रहा है
सेकंड यह नॉट दे कर सस्ते दामों पर पैसा का मूल्य लिया जाता है व महज दामों पर इस मूल्य को बेचा जाता है
जब आप बैंक में पैसा जमा कराते हो तो सिर्फ ३% इंटरेस्ट मिलता है व यही पैसा १०% ब्याज में कराये पर दिया जाता है | जिस से गरीब और गरीब होता गया व आमिर और आमिर होता गया व इस गैप की वजह से भारत आर्थिक रूप में कमजोर हो गया व बैंक ब्लैक मनी बनाता है व इसे वाइट करके देता है बिना नोट छापे
जाने कैसे
A गया बैंक के पास व सेविंग आकउंट में Rs १०० जमा कराये ३% साल का interest कमाने के लिए दिए | अब बैंक ने यही नोट कर्जे के रूप में दे दिए | उस पैर १०% ब्याज आना है व जिस को मिले उसने सामान ले लिया व व फिर उसी बैंक के पास १०० रूपये आ गए व अब नोट एक ही छपा पर बैंक के पास कर्जा देने के लिए 200 रूपये हो गए व बैंक ने २०० रूपये का कर्जा दे दिया फिर चक्र गुमा यही 400 रूपये हो गए व बैंक ने 400 का कर्जा दे दिया | यही १०० करोड़ हो गए व बैंक ने १०० करोड़ का कर्जा दे दिया व नोट तो सिर्फ 100 ही छपा है बाकि सब ब्लैक करेंसी है जो बैंक व केंद्रीय बैंक जो अंग्रेजो के काळा कानून से बना यह बना रहे है व देश की अर्थ विवस्था को कमजोर कर रहे है |
इस लिए यदि आप ने भारत को मजबूत करना है
यदि काले धन को ख़तम करना है
यदि भारत को फिर से सोने की चिडया बनाना है
तो अंग्रेजों के कानून द्वारा बनाये इस करेंसी में लेनदेन बंद करना होगा
बैंको से अपने खाते बंद करने होंगे
लेनदेन वास्तु से वास्तु का शुरू करना होगा |
कसम खानी होगी कि न कर्जा लेना है न देना है
जब आप भारतीय करेंसी नोट लेते हो तो एक तरह का rbi के गवर्नर को कर्जा देते हो
तो वो पहले से ही यह शर्त रख देता है के मैं सिर्फ धारक को यह नोट के बदले नोट दे सकता हु
पर इसका मुल्य नहीं
मुर्ख
मूल्य बिना नोट का क्या मूल्य
यही बैंको का मायाजाल है जिसको आप ने समझना है
मैं सिर्फ धारक को यह नोट के बदले नोट दे सकता हु यहां भी 420 हुयी है
मान लीजिए आप के पास 1 रूपये वाले १० नोट है व ऐसे ही १ करोड़ है तो १० साल बाद आप को १ करोड़ का एक नोट का एक कागज का टुकड़ा दे कर भगा दिया जायेगा
क्योकि १० साल बाद वृक्षों की संख्या कम हो जाएगी व १ रूपये के एक करोड़ नोट बनाने की लगत ही १० करोड़ आएगी |
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